About Baijnath Panchang
श्री बैजनाथ शर्मा का जन्म संवत् १९६९ में श्रावण कृष्ण नवमी को हुआ | आप नगर में श्री पंडित बैजनाथ शर्मा (बल्ला जी वाले) नाम से प्रसिद्ध हुए | आपके कुल में परंपरागत रूप से ज्योतिष परामर्श एवं ज्योतिष एवं कर्मकांड का शिक्षण होता आया है | आपके पिता का नाम श्री पं. गोपीनाथ जी था |
श्री बैजनाथ जी बचपन से ही गणित में बहुत प्रवीण थे, एवं सिद्धांत ज्योतिषीय गणनाओं में आपको महारथ थी | सूर्य सिद्धांत के कई विषयों पर आपने अपने शोध पत्र समय समय पर मैकेनिकल मशीन बना कर, समझाते हुए प्रस्तुत किये है | ऐसा ही एक शोध पत्र आपने लखनऊ में हो रहे भारतीय ज्योतिष के सेमीनार में जियोसेंट्रिक खगोल विज्ञान पर राज्यपाल की उपस्तिथि में प्रस्तुत किया | आप जीवन के अंतिम समय में
पञ्चांग गणित पर शोध कर रहे थे, एवं एक मैकेनिकल घड़ी पर भी कार्यरत थे | उस घड़ी के कई मोडल आज भी उनके पैतृक घर में है | श्री बैजनाथ जी देहांत संवत् २०३८, कार्तिक कृष्ण एकादशी हो हुआ |
श्री बैजनाथ जी की स्मृति में उनके पुत्र स्व. डॉ. अशोक शर्मा ने सन २००५ में “पं. बैजनाथ शर्मा प्राच्य विद्या शोध संस्थान” की आधार शिला रखी, इस संस्थान का प्रमुख उद्देश्य प्राचीन शिक्षा पद्दति एवं विज्ञान को समाज के समक्ष प्रस्तुत करना एवं प्राचीन विज्ञान तथा आधुनिक विज्ञान के तुलनात्मक अध्ययन पर शोध एवं शिक्षा देना है | वर्तमान समय में स्व. डॉ. अशोक शर्मा जी के पुत्र श्री अलंकार शर्मा, संस्थान की अध्यक्षता कर रहे है एवं सुचारु रूप से कार्यरत है |
इसी क्रम में बैजनाथ पञ्चांग एप्प को, श्री अलंकार शर्मा जी के अनुज आलोक शर्मा ने उनकी स्मृति में बनाया है | इस एप्प का उद्देश्य, समाज तक सिद्धांत ज्योतिष में रूचि जगाना, एवं यथा संभव शिक्षण भी है | यह
एप्प ज्योतिष के विधार्थियों एवं कर्मकांड से सम्बंधित लोगों के लिए बहुत ही उपयोगी हो, ऐसा विचार करके संवत २०७७ की चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को इस का शुभारम्भ किया जा रहा है |
यदि आप कोई सुझाव, सहयोग अथवा संस्थान के क्रियाकलापों से जुड़ना चाहें तो, निम्न संपर्क सूत्र का प्रयोग करें |