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श्रवण-नक्षत्र
मकर राशि के उत्तर में एक गरूण (Aquila) तारामण्डल है। इस मण्डल के अल्फा, बीटा व गामा गरूण नामक तीन तारों को श्रवण- नक्षत्र के नाम से जाना जाता है। एक सीध में स्थित इन तारों में विष्णु के वामन-रूप के तीन चरणों की कल्पना की जाती है। इसके केन्द्रीय बड़े तारे अल्फा गरूण को अल्टायर (Altair) नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ है चिड़िया। अरब के लोगों को यह एक चिड़िया जैसा तारा लगता था। यह एक अतितप्त, अत्यधिक प्रकाशमान, नीलवर्ण तारा है, जो हमसे 16 प्रकाशवर्ष दूर है तथा व्यास में सूर्य से दो गुना बड़ा है।
तारों की संख्या तारे का वैज्ञानिक नाम गरूण (एक्विली) मंडल के अल्फा, बीटा व गामा तारे अयनांश 280°00' से 293°20' तक राशि मकर सूर्य का वास 24 जनवरी से 6 फरवरी तक (लगभग)
अर्क अर्थात् सूर्य। सूर्य का प्रिय वृक्ष होने के कारण तथा सूर्य के गुणों से युक्त होने के कारण इसे अर्क कहा गया, जो बिगड़कर आक या अकौता हो गया। वैज्ञानिक भाषा में इसे कैलोट्रोपिस प्रोसेरा कहते हैं। इसके फूल लाल रंग लिये होते हैं। यह 1 से 3 मीटर ऊँचाई की बहुवर्षी झाड़ीनुमा पौध है। प्रायः ऊसर और शुष्क भूमि में, जहाँ अन्य पौधे प्रफुल्लित नहीं रह सकते, इसकी पौध हरी-भरी दिखायी देती है।
सूर्यग्रह की शान्ति में इसकी समिधा प्रयुक्त होती है। इस वृक्ष को सूर्य भगवान् का प्रतीक मानकर पूजन व सेवन करते हैं। श्वेत मदार की पुरानी जड़ को गणेश-रूप में मानकर पूजा-स्थापना की जाती है, जो अत्यधिक धन देने वाला माना जाने के कारण वसुक कहा गया।