Rashi Description
तुला लग्न चर राशि की लग्न है जिसका स्वामी शुक्र होता है। यहां पर शनि उच्च राशि में होता है तथा सूर्य नीच राशि में। तुला राशि वायु तत्त्व की पुण्य राशि है, स्वभावत: यह क्रूर है और पश्चिम दिशा का प्रतिनिधित्व करती है। तुला
राशि का उदय सिर से होता है, इसलिए यह शीर्षोदय राशि कहलाती है। कमर और गुर्दा के आस पास इसका नियंत्रण होता है।
तुला लग्न का जातक आदर्शवादी होता है किसी भी बात को तुरन्त समझ जाता है। उसका चित्त अव्यवस्थित रहता है। वह अपनी बात बल पूर्वक कहता है और अधिक आशावादी होता है। इस जातक की प्रकृति उदार होती है तथा अतिव्ययी होता है, ऐसे जातक का अन्त:करण प्राय: शुद्ध होता है, वह मिलनसार और हंसमुख होता है। सदा ही दूसरों की सहायता में तत्पर रहता है। इसके मधुर स्वभाव के कारण उसके अनेक मित्र होते हैं तथा उसकी अभिरुचि संगीत सिनेमा, नाटक तथा अन्य कलाओं में होती है। वह प्रखर बुद्धि का होता है और अपनी सहन शक्ति तक प्रेम का वातावरण बनाये रखता है किसी से कोई वैचारिक मतभेद हो तो कठिनता से व्यक्त करता है, दूसरों का साथ देने, उनकी सहायता करने में बड़े आनन्द का अनुभव करता है। ऐसा जातक सफाई पर बहुत ध्यान देता है, अपने वस्त्रों तथा घर को आधुनिक ढंग से बनाता है और उसका प्रयास सदा ही अन्य लोगों से कुछ भिन्न श्रेष्ठतर दिखने का होता है, बाहरी दिखावे तथा ऊपरी तड़क भड़क में जातक की विशेष अभिरुचि होती है।
तुला लग्न के व्यक्ति में प्रेम करना या उससे प्रेम किया जाना एक प्रधान गुण होता है। वह पूर्णतः प्रेममय होता है और अपने प्रेम प्रसंगों को अत्यधिक महत्त्व भी देता है। यह प्रेम किसी स्त्री पुरुष का ही नहीं, मित्रों से या पूज्य लोगों से भी होता है।
तुला लग्न का जातक न्यायप्रिय होता है और न्याय करते समय पक्ष विपक्ष का विचार नहीं करता। तुला का अर्थ है तराजू जिसका काम ही न्याय करना है। इसीलिए तुला राशि, लग्न, दशम अथवा पंचम भाव में तुला राशि पड़ने पर यदि वकील बनने के योग हों तो जातक बहुत सफल रहता है। अधिकतर ऐसा जातक हास्य विनोद करता रहता है और प्रफुल्लचित्त रहता है। उसको क्रोध बहुत शीघ्र आता है परन्तु थोड़े ही समय में सब भूल जाता है। उसके मन में कपट नहीं होता है। ऐसा जातक न्याय, वाणिज्य, अथवा कला के क्षेत्र में बहुत प्रगति करता है। इसके मित्र अति प्रतिष्ठित और उच्च कक्षा के व्यक्ति होते हैं। प्रायः गर्दन पर तिल भी होता है। तुला लग्न के व्यक्ति बहुत साहसी नहीं अपितु डरपोक होते हैं।
तुला लग्न का जातक, आकृति का लम्बा, मुख सुन्दर और लम्बाई लिये हुए, ललित नेत्र का होता है और उसके दाँत विरल होते हैं तथा वह प्रायः दुबला हुआ करता है। परन्तु शुक्र के लग्न में रहने से शरीर से स्थूल भी होता है। विचार मंह जातक अव्यवस्थित-चित्त तथा अनिश्चित विचार का होता है। उसका चरित्र अव्यवस्थित होता है। वह अपरिमितव्ययी अर्थात् खीले स्वभाव का, उदार प्रकृति, स्वच्छ-अन्तष्करण-वाला, मिलनसार सदा दूसरे की सहायता करने में सत्पर, मित्र बनाने में कुशल, सङ्गति प्रिय, चतुर, धार्मिक, और मेधाची होता है। सफाई से रहना और घर-द्वार को साफ रखना ऐसे जातक का स्वाभाविक गुण होता है। न्याय प्रिय, सत्यवादी, शान्त और प्रफुल्लित चित्त का होता है। यह प्रत्येक काम न्याय तथा या के विचार से करता है। यद्यपि उसकी क्रोधाग्नि जल्द प्रजावलित होती
है परन्तु उसी शोघ्रता से शान्त भी हो जाती है। उसके मित्र और संरक्षक बहुत उच्चकक्षा के प्रतिष्ठित व्यक्ति होते हैं। राज-पूज्य, विद्वान् परन्तु भोरु अर्थात् डरपोक होता है। कभी वाणिज्य प्रिय और कभी कभी न्यायकर्ता तथा पंचायती इत्यादि का करने वाला होता है और ऐसे जातक के कभी कभी दो नाम हुआ करते हैं।
कान्या होने से कुछ विशेष गुण होपः-अहङ्कारी, क्रोधी, लालची, बदनाम और कृपण होती है।
ऐसे जातक के लिये शनि और बुध उत्तम फल देने वाले होते हैं। शनि सभी ग्रहों की अपेक्षा तुला लग्न वाले के लिये केवल उत्तम ही फल नहीं देता किन्तु राज-योग देता है । यदि चा. और बुध तथा श. और बुध को आपस में सम्बन्ध हो तो राज-योग होता है। मंगल र, और , शुभफल नहीं देते । मंगल और शनि तथा मंगल और बुध का योग ति मंगल
होता है। सूर्य मंगल और वृ. को मारकत्व होता है ।
परंतु मंगल मारकेश के लिये बली नहीं होता है। पहला नवांश में लग्न के रहने से प्राकृतिक स्वभाव का पूर्ण विकास होता है।
चेतावनी
कमर, गुर्दा, मूत्रस्थली ऐसे जातकों का प्रायः रोगाकान्त हुआ करता है। इन सब स्थानों को शीत से बचाना बहुत ही उचित होगा। शुद्ध जल का व्यवहार और स्वच्छ वायु ऐसे जातक के लिये विशेष रूप से उपयोगी है।
तुला लग्न में जन्मे जातक - ये जीवन में एक सामंजस्य या कहें एक संतुलन बनाना कहते हैं, जबकि प्रायः इनको असंतुलित जीवन का भोग करना होता हैं, जिसको इनको संतुलित करते रहना होता है - शुक्र की स्तिथि इस पर अधिक प्रकाश डाल सकती है | रहस्यात्मक, गुप्त विद्या, ज्योतिष, खगोल में इनकी रूचि होती है | सामन को व्यवस्थित करना इनको अच्छा लगता है, इंटीरियर डिज़ाइनर क्षेत्र भी इनको प्रिय हो सकता है | परिवार, धन से गहराई से जुड़े होते है, वे परिवार का कोई राज(सीक्रेट) छिपा सकते हैं | सर्जन, इंजिनियर, सेना, पुलिस में हो सकते हैं | भाई-बहनों से वार्तापल दार्शनिक प्रकार का होता है, ऐसे करना है और ऐसे नहीं | पारिवारिक जीवन अनुशासित, इनका पालन पोषण बहुत ही संरचनात्मक (स्ट्रक्चरल) तरीके से होता है | जैसे की ऐसा करने पर आपको ऐसा मिलेगा, और वैसा करने पर वैसा |
पढाई में बहुत सख्ती होती है, हमेशा अच्छे अंक या स्थान आने का दवाब बनाता है | ऐसा ही ये अपने बच्चों के साथ करना चाहते हैं, | सट्टे आदि के प्रकार कार्य में रूचि रहती है | अधिक शत्रु नहीं होते हैं, यदि शत्रु आपको बदलना चाहता है तो आप उसके साथ अपना व्यवहार बदल लेते हैं | ये यदि किसी का सहयोग करते है, तो बदले में कुछ चाहते हैं | विवाह विपरीत प्रकार के व्यक्ति से होता है, इनका साथी गुस्सेल स्वभाव का एवं चुस्त, फुर्तीला होगा | जीवन में कई उतार चदाव एवं बदलाव होते रहते हैं, शुक्र शुभ हों तो परिवर्तन भी शुभ होंगे | ज्योतिष एवं रहस्यात्मक ज्ञान में आपकी रूचि होती है | इनको यात्रा करना पसंद होता है, वे यात्रा आदि में भी मित्र बना लेते हैं | ये होटल, राजनीतिज्ञ, सेवा सम्बन्धी क्षेत्र जैसे नर्सिंग, डॉक्टर, या सर्जन होते हैं | समाज में लोगों के मध्य ये स्वयं को दिखना चाहते हैं | ये अपने संपर्कों से लोगों की सहायता कर पाते हैं, लोगों के मध्य इनका अहंकार दिखता है | ये अपने व्यय को सार्थक रूप से करते हैं, उसके लिए बहुत हिसाब लगाते हैं |