रोहिणी नक्षत्र

रोहिणी-नक्षत्र

Nakshtra image

Nakshtra Description

रोहिणी अर्थात् लाल वर्ण की। यह वृषमण्डल का मुख्य तथा लाल रंग का तारा है। अल्फा वृष नामक इस तारे का पाश्चात्य नाम अल्देबरान अरबी के अल-दरबान से बना है, जिसका अर्थ है (कृत्तिका का) पीछा करने वाला। यह सूर्य से तीस गुना बड़ा और पृथ्वी से 70 प्रकाशवर्ष दूर है। भारतीय मान्यता में रोहिणी नक्षत्र को पाँच तारों की एक आकृति के रूप में भी देखा जाता है, जिसमें रोहिण (इक्के-तांगे या बैलगाड़ी जैसा वाहन) आकृति को कल्पना की जाती है। इस गुच्छ-समूह को पाश्चात्य में हायडेस (Hyades) कहते हैं, जिसका अर्थ है वर्षा करना। पाश्चात्य देशों में सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में आने पर वर्षा लाने के अनुभव पर यह नाम रखा गया। पौराणिक कथाओं के अनुसार चन्द्रमा अपनी 27 नक्षत्र पत्नियों में रोहिणी से विशेष प्रेम करने से शापित हुए और इन पर धब्बे पड़ गये।



Computations

तारों की संख्या तारे का वैज्ञानिक नाम वृष मंडल के अल्फा, थीटा, गामा, डेल्टा व एप्सिलोन तारे अयनांश 40°00' से 53°20' तक राशि वृष सूर्य का वास 25 मई से 8 जून तक (लगभग)



Tree

Tree image

जामुन

जम्बू अर्थात् बहुत खाने या खिलाने वाला। अधिक खाने वाले लोग जो शारीरिक श्रम कम करते हैं, को रोगशान्ति हेतु श्रेष्ठ खाये जाने वाली वस्तु देने वाला वृक्ष होने कारण इसे जम्बू कहा गया, जो बिगड़कर जामुन हो गया। मधुमेह के रोगियों के लिए इसके बीज तथा फल के अनेक उत्पादन बहुत लाभकारी होते हैं। वे क्षेत्र जहाँ वर्षा में बाढ़ का पानी आ जाता है तथा बाद में बहकर निकल जाता है, वहाँ वनीकरण हेतु जामुन सर्वोत्तम प्रजाति



Poranik Mahatav

Poranik image

मधुमेह के रोगियों के लिए इसके बीज तथा फल के अनेक उत्पादन बहुत लाभकारी होते हैं। वे क्षेत्र जहाँ वर्षा में बाढ़ का पानी आ जाता है तथा बाद में बहकर निकल जाता है, वहाँ वनीकरण हेतु जामुन सर्वोत्तम प्रजाति

;