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रेवती-नक्षत्र
रेवती अर्थात् धनवती। यह मंदकांति तारों का समूह है, जो मीन राशि में स्थित है। इसके योग तारे का नाम जीटा मीन है। इस नक्षत्र को खोजकर पहचानना प्रायः कठिन होता है। इसके योग तारे के उत्तर के 32 तारों को रेवती नक्षत्र के रूप में जानते हैं तथा इसके मृदंग की आकृति के होने की कल्पना की गयी है। रेवती-नक्षत्र के देवता पूषा 'पुष' धातु से व्युत्पन्न पूषन शब्द का अर्थ है समृद्धिदायक। यह सविता की प्रेरणा से कार्य करते हैं तथा पितर, मनुष्य व उनके पालतू पशुओं को उनके मार्ग का पथ-प्रदर्शन करते हैं तथा रास्ते की बाधाओं को समाप्त करते हैं।
तारों की संख्या : 32 तारे का वैज्ञानिक नाम : जीटामीन व मीन राशि के अन्य 31 तारे अयनांश : 346°40' से 360°00' तक राशि : मीन सूर्य का वास : 31 मार्च से 14 अप्रैल तक (लगभग)
मधूक अर्थात् मीठा प्रदान करने वाला। इसके अन्य संस्कृत नाम वानप्रस्थ (वन में होने वाला) मधुपुष्प है। इसे हिन्दी में महुआ, अंग्रेजी में 'बटर ट्री' तथा वैज्ञानिक भाषा में मधुका लांगिफोलिया कहते हैं। उत्तर भारतीय महुआ छोटे तने व गोल शीर्ष वाला, मध्यम से विशाल आकार का पर्णपाती वृक्ष है। यह मिले-जुले पर्णपाती वनों में आमतौर पर कुछ सूखे किस्मों के वनों में पाया जाता है।
यह पार्वती जी का प्रिय वृक्ष है। पार्वती जी की प्रसन्नता के लिए मधूक तृतीया व्रत का वर्णन भविष्यपुराण में दिया गया है। इस वृक्ष उर्वरता के संस्कार हैं, अतः पुत्र-प्राप्ति या पुत्र-रक्षा के निमित्त व्रतों में महुए के फूल, पत्ते व दातुन प्रयोग किये जाते हैं।